Vishvambhari stuti in Hindi
विश्वंभरी स्तूति
विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता
विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता
दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी
सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी
भासे भयंकर वाली मन ना उतापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
आ रंकने उगरावा नथी कोई आरो
जन्मांड छू जननी हु ग्रही बाल तारो
ना शु सुनो भगवती शिशु ना विलापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
माँ कर्म जन्मा कथनी करता विचारू
आ स्रुष्टिमा तुज विना नथी कोई मारू
कोने कहू कथन योग तनो बलापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
हूँ काम क्रोध मद मोह थकी छकेलो
आदम्बरे अति घनो मदथी बकेलो
दोषों थकी दूषित ना करी माफ़ पापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
ना शास्र ना श्रवण नु पयपान किधू
ना मंत्र के स्तुति कथा नथी काई किधू
श्रद्धा धरी नथी करा तव नाम जापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
रे रे भवानी बहु भूल थई छे मारी
आ ज़िन्दगी थई मने अतिशय अकारी
दोषों प्रजाली सगला तवा छाप छापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
खाली न कोई स्थल छे विण आप धारो
ब्रह्माण्डमा अणु अणु महि वास तारो
शक्ति न माप गणवा अगणीत मापों
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
पापे प्रपंच करवा बधी वाते पुरो
खोटो खरो भगवती पण हूँ तमारो
जद्यान्धकार दूर सदबुध्दि आपो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
शीखे सुने रसिक चंदज एक चित्ते
तेना थकी त्रिविध ताप तले खचिते
वाघे विशेष वली अंबा तना प्रतापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
श्री सदगुरु शरणमा रहीने यजु छू
रात्री दिने भगवती तुजने भजु छू
सदभक्त सेवक तना परिताप छापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
अंतर विशे अधिक उर्मी तथा भवानी
गाऊँ स्तुति तव बले नमिने मृदानी
संसारना सकल रोग समूल कापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो
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